ओशो वीडियो प्रवचन

                                            अतीत और भविष्य से मुक्ति

                                           
                          

     मानो मत, जानो

  Nacho, Gao, Dhyan Mein Dubo
  Jahan Maun, Wahin Teerth
   जीवन एक अवसर है
     निर्विचार चित्त की दशा
   ध्यान की अवस्था
    Apne Prano Ko Padho
   यह तो मधुशाला है
यह तो मैखाना है, मधुशाला है। यहां तो पियक्कड़ों की जमात है। ये रिंद बैठे हैं। यहां तो अदृश्य शराब पीई जा रही है, पिलाई जा रही है। अगर पीना हो, तो पीओ। और अगर हिम्मत हो, तो ही पी पाओगे। क्योंकि यहां किसी परंपरा की बात नहीं हो रही है। यहां शुद्ध सत्य की बात हो रही है। यहां किसी परंपरा का पोषण नहीं है। क्योंकि मैं मानता ही नहीं कि परंपरा और सत्य का कभी कोई संबंध होता है। सत्य तो सदा नूतन होता है; नित-नूतन होता है--जैसे सुबह की ओस के कण--इतना ताजा होता है। 

            Ham Shuddha Chaitanya Hain
       
"अगर जिंदगी को खुशी में गुजारना है, अगर जिंदगी को आनंद का एक उत्सव बना लेना है, तो एक ही रास्ता है: अहंकार को मिट जाने दो। अहंकार दुख है, अहंकार नर्क है। अहंकार के अतिरिक्त न कोई दुख है न कोई नर्क है। और जहां अहंकार गया वहीं स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। और वे द्वार तुम्हारे भीतर हैं।

     निर्विकल्प समाधि  
  
"जब आंख भी बंद, कान भी बंद और भीतर होश का दीया जला, फिर कैसा विचार? उसी को तो निर्विचार कहा है। उसी को तो निर्विकल्प समाधि कहा है। ऐसी ही घड़ी में तो आकाश तुम्हारे भीतर उतर आता है। ऐसी ही घड़ी में तो बूंद में सागर समाविष्ट हो जाता है।"
                                      

       Kople Phir Phoot Aayeen

    
             

आस्तिक कौन?

      
   मन के पार 
  

ओशो